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Thursday, February 13, 2025

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फेसबुक लाइक करने पर काट द‍िए पांव, घाव पर डाला खौलता पानी

म्‍यामांर में सैन‍िक शासन है, तानाशाही व्‍यवस्‍था है. वहां का हाल आमतौर पर बाहर नहीं आता. अब एक शख्‍स ने वहां के हालात बयां क‍िए हैं, जो रूह कंपा देने वाले हैं. माऊंग माऊंग नाम के इस शख्‍स ने बताया क‍ि कैसे उन्होंने आंग सान सू की के सत्ता से बेदखल होने के बाद जुंटा के पंजे से बचने के ल‍िए अपना नौकरी-घरबार सब छोड़ दिया. बर्बरता इतनी ज्‍यादा होने लगी क‍ि फेसबुक पर एक लाइक करने पर मेरे भाई के पैर चाकू से काट द‍िए गए. उनके घावों पर खौलता हुआ पानी डाला गया.

द इंडिपेंडेंट में माऊंग माऊंग ने लिखा, मैं म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में जर्नल‍िस्‍ट था. बात 1 फरवरी 2021 की है, जब जब सेना ने सत्ता पर कब्‍जा कर लिया और रातों-रात सब कुछ बदल गया. पूरे देश में लाखों लोग तख्तापलट के खिलाफ सड़कों पर उतरे, लेकिन सेना ने उन पर क्रूरता की हदें पार कर दी. हजारों लोग मारे गए और हजारों को जेल में डाल दिया गया. पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया. घर-घर तलाशी ली गई और संदिग्ध पाए जाने पर सभी को गिरफ़्तार कर लिया गया. सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगा दी गई. पूछताछ के दौरान यातना दिए जाने से कई लोगों की मौत हो गई. कई लोग थाईलैंड भाग गए.

फोन में फोटो तो सात साल कैद
माऊंग माऊंग ने लिखा, मेरे एक मित्र को तीन महीने तक जेल में बांधकर रखा गया. ज‍िन विदेशी पत्रकारों के मोबाइल फोन में आंग सान सू की की तस्‍वीर थी, उन्‍हें सात साल कैद की सजा सुनाई गई. जेल की अंधेरी कोठरी में महीनों यातनाएं दी गईं. कई अभी भी वहां बंद हैं. मेरे तीन भाइयों में से एक को फेसबुक पोस्‍ट लाइक करने पर ग‍िरफ्तार कर ल‍िया गया. उसके पैर काट द‍िए गए. घावों पर खौलता हुआ पानी डाला गया, जिससे वह बेहोश हो गया. अगली सुबह जब वह होश में आया, तो सैनिकों ने उसे घसीटकर बाहर निकाला. उसे बांध दिया और उसे चिलचिलाती धूप में तब तक लेटा रहने दिया जब तक कि वह फिर से बेहोश नहीं हो गया. जब वह दूसरी बार उठा, तो उसने खुद को इनसेन जेल की ओर जा रहे एक ट्रक में पाया.

जब चावल के बोरों के पीछे छिपकर भागा
माऊंग ने लिखा, उसकी बीवी को इलाज कराने के ल‍िए जेल अध‍िकारी को बड़ी रिश्वत देनी पड़ी. लेकिन आठ महीने बाद सबूतों के अभाव में रिहा कर द‍िया गया. गनीमत रही क‍ि वे बच गए. मैंने भी नौकरी छोड़ दी और यांगून छोड़ द‍िया. सबसे पहले मैंने अपने मोबाइल फोन और लैपटॉप से ​​सभी फोटो, डेटा और ईमेल मिटा दिए. हमने क‍िसानों से चावल खरीदा, उसे बोरों में भरकर ट्रक में छिपकर आधी रात को भाग निकला. रास्ते में सैन्य चौकियों पर सैनिकों को व्हिस्की और नकदी की रिश्वत दी, ताकि वे हमें जाने दें.

Tags: India myanmar, Myanmar military coup, Myanmar Violence

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