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Thursday, February 13, 2025

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झाड़ी जैसा दिखने वाला ये पौधा महिलाओं के लिए वरदान… 5 फायदे जान हो जाएंगे हैरान

बलिया : शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है. जिसे आप झाड़ी समझने की गलती कर सकते हैं. गौरतलब है कि शतावरी की लताएं झाड़ीदार होती है. शतावरी की एक-एक बेल के नीचे कम से कम 100, इससे अधिक जड़ें होती हैं. ये जड़ें लगभग 30-100 सेमी लम्बी, एवं 1-2 सेमी मोटी होती हैं. इस जड़ी बूटी का वैज्ञानिक नाम एस्पैरागस रेसमोसस है. यह औषधि महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है, लेकिन पुरुषों के लिए भी इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. शतावरी के पौधे के सभी हिस्से जैसे जड़, तना और पत्तियों का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है. इसका सेवन करने से अनिद्रा, सर्दी-खांसी, पुराना घाव, मूत्र रोग, पाइल्स, पथरी, सिर दर्द, नेत्र रोग, बुखार और पेचिश जैसी तमाम बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है.

शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. आरबीएन पांडेय बताते हैं कि,”शतावरी का आयुर्वेद में विस्तृत वर्णन किया गया है”. यह एक नहीं बल्कि अनेक रोगों के इलाज में इस्तेमाल होता है. शतावरी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन के, विटामिन ई और विटामिन सी , आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज, जिंक और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो शरीर को ऊर्जा देते हैं और मानसिक शांति प्रदान करते हैं.

अनिद्रा : 2 से 4 ग्राम शतावरी चूर्ण को दूध में पकाकर, घी के साथ सेवन करने से अनिद्रा से राहत मिलती है.

गर्भवस्था के दौरान फायदे  : गर्भावस्था के दौरान महिलाएं शतावरी, सोंठ, अश्वगंधा, मुलेठी और भृंगराज को समान मात्रा में पाउडर बनाकर 1 से 2 ग्राम की मात्रा में बकरी के दूध के साथ सेवन करें. बहुत लाभ मिलता है. हालांकि शतावरी में फाइबर ज्यादा होता है, इसके साथ इसमें रैफिनोज नाम का एंजाइम भी बहुत होता है. इससे गैस की समस्या हो सकती है.

ब्रेस्ट मिल्क में वृद्धि : शतावरी के सेवन से महिलाओं के दूध उत्पादन और गुणवत्ता दोनों ही सही होता है. शतावरी में स्टेरायडल सैपोनिन तत्व होते हैं, जो दूध के उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करते हैं. 1 से 2 ग्राम शतावरी के जड़ का पेस्ट बना कर दूध के साथ सेवन करने से दूध में वृद्धि होती है.

आम रोगों का इलाज : शतावरी का सेवन सर्दी-जुकाम, बुखार के इलाज में वरदान है. शतावरी की जड़ का काढ़ा बना कर 15 से 20 ml की मात्रा में सेवन से बहुत लाभ मिलता है.

पाइल्स की अचूक दवा : अगर आप बवासीर जैसी गंभीर बीमारी के चपेट में आ गए हैं तो 2 से 4 ग्राम शतावरी के चूर्ण को दूध के साथ सेवन करे. शतावरी पाइल्स का अचूक दवा है.

Tags: Ballia news, Health News, Life18, Local18, Uttar Pradesh News Hindi

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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